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"स्वाभिमानी भी वही श्रेष्ठ है,जो विनम्रता को प्रथम स्थान पर रखता है"
साभार-जीवन के सोपान (अमेज़ॅन ईबुक)
संकलनकर्ता-संतोष सिंह क्षात्र
हमारे शब्द संसार में आपका अशेष स्वागत है-
मैं हिंदी का सबसे छोटा बेटा, आप सभी पाठक बंधुओ का अपने शब्द वीथिका में अशेष स्वागत करता हूँ!
आज की कविता
जेठ की दुपहरी मुस्काने लगी
कुस्मित कली फिर मुरझाने लगी|
निहार जीवन की बेबसी को घटा
धरा को आंसुओ से नहलाने लगी||
#क्षात्र_लेखनी©
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